दोस्ती दिल की एक आवाज है ,
दोस्तों के सिर पर रखा एक खासमखास ताज है
दोस्ती किसी शख्स की गुलाम नही है,
दोस्ती के बिना दोस्तों की शान नही है
दोस्त भटक जाते हैं जिंदगी के दौर में,
भविष्य की लहरों में अतीत को मिटा देते हैं
पर अतीत मिटता नही "याद रखना तुम सदा ",
"दोस्ती के बिना ना भूत,ना भविष्य,ना वर्त्तमान है"
जो दोस्ती ना कर सका ,
वो भला क्या "इंसान है" ?
Friday, May 9, 2008
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3 comments:
sahi hai yaar.......didnt know u r a poet too.
mast malik aap ne to heavss kar diya........
wah wah...kya baat hai....
mazzap aagaya ....
suman sarita ke baad yahi poem sahi lagi hai....
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